AN UNBIASED VIEW OF SHIV CHALISA LYRICS IN GUJARATI

An Unbiased View of shiv chalisa lyrics in gujarati

An Unbiased View of shiv chalisa lyrics in gujarati

Blog Article

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती।

अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

Your browser isn’t supported anymore. Update it to get the very best YouTube practical experience and our latest get more info characteristics. Find out more

shrishivchalisa.com participates in the Amazon Associates Associates Software, an affiliate promoting plan built to provide a means for web sites to receive commissions by linking to Amazon.

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

लिङ्गाष्टकम्

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भये प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

Report this page